उत्तर महाभारत | UTTAR MAHABHARAT HINDI BOOK PDF DOWNLOAD

Uttar Mahabharat Hindi Book Pdf Download

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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:

महाभारत युद्ध के उपरान्त पाण्डुपुत्र युधिष्ठिर को अपने गोत्रीय वंशधरों की युद्ध में वीरगति को लेकर जो शोक, संताप, क्लेश व पाश्चाताप था वह तपोधन व्यास जी के समक्ष फूट पड़ा। दुखी मन से, भर्राये गले से कहने लगे "भगवन् ! मेरा दिशा निर्देश करें कि कैसे हम इस कुल के नाश के अगाध सागर को पार करें। गुरु, चाचा, भाई, मित्र पुत्र व हितैषियों की हत्या का पाप क्या नष्ट हो सकता है, मैं उसकी अग्नि में जल रहा हूँ। अतः आप ही कोई उपाय बताइए अन्यथा प्रभो! मैं यह राज्य त्याग कर पाश्चाताप हेतु वन में जाना चाहता हूँ। पूर्वजों द्वारा संरक्षित यह राज्य मैं भीमसेन आदि को दे दूँगा। संहार इतना हुआ कि पृथ्वी वीरान हो गई। अब जीत का हर्ष नहीं अपितु शोक है। तपोधन, काल की गति ने आपके प्रिय पाण्डवों से यह क्या अनर्थ करवा दिया।"

इतना कह कर युधिष्ठिर रोते हुए व्यास जी के चरणों पर झुके और कहने लगे- "भगवन! आप त्रिकालज्ञ हैं, मेरा आशय जानकर मार्ग दर्शन करें।"

व्यास जी ने युधिष्ठिर को हाथ पकड़ कर उठाया और बोले- "पाण्डुपुत्र, संताप त्यागो। यही होना था, तुम पाण्डव निमित्त मात्र थे। अब तुम सभी भीष्म, द्रोणाचार्य, कर्ण आदि सभी वीरों की शांति के लिए प्रार्थना करो, क्षमा मांगो तत्पश्चात 'क्रतुश्रेष्ठ अश्वमेध' की तैयारी करो।"

युधिष्ठिर ने हाथ जोड़कर कहा- "हे मुनिश्रेष्ठ उसकी सामग्री, धन आदि कहाँ से आयेगा। राजकोश, व्यापारी के साथ सभी महाजन व सारे धनिक धनहीन व साधनहीन हो चुके हैं।" व्यास जी ने कहा राजेन्द्र तुम धन्य हो। वासुदेव की ही आज्ञा से तुमने धर्मयुद्ध किया, जिससे वीरयोद्धा प्रभुगति पाये हैं, तुम्हें राज्य मिला और अब अश्वमेध भी करना है। यही उनकी इच्छा है और मेरी भी। इसके लिए प्रभु की कृपा से सारी व्यवस्थाएं पूर्व नियोजित व व्यवस्थित हैं। सुनो, यहाँ से उत्तर की ओर हिमालय की पर्वत श्रृंखला में एक नीलवर्ण की घाटी है। उसमें गोलाई से दस नीलवर्ण तनों व उसके रक्तवर्ण पत्रों से संरक्षित स्थान है। पूर्व में राजा मरुत्त ने वहीं अपना अकूत स्वर्ण भण्डार संरक्षित कर दिया था। वह सम्पत्ति वासुदेव की कृपा से ही अब तक इसी कार्य हेतु सुरक्षित रही। वह धनदोष मुक्त है और किसी के अधिकार में भी नहीं है। अतः जाकर उन वृक्षों की सूर्योदय की......

Details of Book :-

Particulars

Details (Size, Writer, Dialect, Pages)

Name of Book:उत्तर महाभारत | Uttar Mahabharat
Author:Upendra Rawat
Total pages:310
Language: हिंदी | Hindi
Size:19.5 ~ MB
Download Status:Available


Uttar Mahabharat written by Upendra Rawat | Ebook size 19.5 MB | Includes 310 Pages | Find the free PDF download link of “Uttar Mahabharat” below and read it right away.

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