कुछ अफसाने नई कलम से | KUCH AFSANE NAYI KALAM SE HINDI BOOK PDF FREE DOWNLOAD

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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:

इन कहानियों में समाज है, घर है, परिवार है, हमारे आस पास के चलते फिरते लोग हैं, सब्जी वाले हैं और ग्राहकों की ओर उम्मीद से ताकती उनकी आँखें हैं। या यूं कहूँ कि उनकी समस्याएं हैं और उन समस्याओं को अभिव्यक्त करते लोग हैं। मनुष्य जाति का कहानियों से बहुत गहरा सम्बन्ध रहा है। हम कहानियां सुनकर ही बड़े होते हैं और एक समय आता है जब हमारे जीवन के कई छोटे बड़े अनुभव लोगों की कहानियों का हिस्सा बन जाते हैं। कहानियाँ पढ़ते-सुनते-सुनाते एक दिन ऐसा भी आता है जब हम खुद किसी कहानी के पात्र बन जाते हैं। दरअसल विभिन्न किताबों के पृष्ठ पर अंकित तमाम कहानियां मनुष्य जाति की संवेदनाओं की धरोहर हैं, यही कारण है कि मुझे हर व्यक्ति के भीतर एक कहानी छिपी हुई दिखाई पड़ती है।

हम जैसा जीवन जीते हैं तथा जैसा जीवन जीना चाहते हैं, इन दोनों ही बातों के मध्य हमारी कल्पनाशक्ति तीव्र रूप से कार्य करती है, और जब रचनाकार के भीतर इसी कल्पनाशक्ति से परिवर्तनशील भाव की उत्पत्ति होती है, जिसे वह पन्नों में उतारने लगते हैं तो एक रचना का निर्माण होता है जो किसी भी विधा में हो सकती है। दरअसल साहित्य जगत में अपनी सजग भावनाओं एवं संवेदनाओं को व्यक्त करने के लिए कई विधाएं मौजूद हैं, परन्तु कहानी लेखन एक ऐसी विधा है जोकि समाज को आदर्श, नैतिकता तथा परिवर्तनशीलता के पथ पर ले जाने का सहज मार्ग प्रदान करती है, या यूं कहा जाये कि सामाजिक-सांस्कृतिक वातावरण को प्रभावित करने की सरलतम विधा है। साहित्य के सन्दर्भ में प्रेमचंद का ये वाक्य कि-

"वह देश-भक्ति और राजनीति के पीछे चलने वाली सचाई भी नहीं, बल्कि उनके आगे मशाल दिखाती ह ई चलने वाली सचाई ह।"

कहीं-न-कहीं यह वाक्य साहित्य के प्रति उनकी उन्मुक्त एवं प्रगतिशील विचारधारा को प्रकट करती है कि किस तरह वह मात्र मनोरंजन नहीं अपितु आगे चलने वाली मशाल है अर्थात क्रांति की मशाल जगाने में एक चिंगारी का काम करती है।

कहानी सभी विधाओं में से सबसे अधिक पसंद की जाने वाली सहज, सरल एवं प्रवाहमयी विधा है जिसका असर लोगों पर सीधे तौर पर पड़ता है।

इस पुस्तक का सम्बन्ध ऐसी कथा, आख्यायिका, गल्प तथा कहानी से है जिसका उद्देश्य परिवेशगत समाजोत्थान के साथ-साथ कहानी की सृजन कला एवं ढांचागत स्वरूप में विकास करना है।

तत्वों के आधार पर कहानी का आंकलन संरचनात्मक स्तर पर किया जाता है जो मूलतः छः प्रकार के होते हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं- कथावस्तु, पात्रों का चरित्र चित्रण, संवाद या कथोपकथन, देशकाल और वातावरण, भाषा शैली तथा उद्देश्य। यूं किसी भी रचना का कोई मजबूत व्याकरण नहीं होता फिर भी कहानी कला को साहित्यिक विद्वानों ने इन छह आधारों पर समझने का प्रयास किया है। जिसका संक्षिप्त वर्णन कुछ इस तरह है:

किसी भी कहानी की विषयवस्तु, कथावस्तु की पांच दशाओं आरम्भ, विकास, कौतूहल, चरमसीमा एवं अंत से होकर गुजरती है। एक रचनाकार कथावस्तु की इन पांच दशाओं को लक्ष्य कर अपनी वैचारिक एवं सुधारात्मक भावों को मिलाकर कहानी का गठन करता है।

पहले की कहानियों में कहानी की विषयवस्तु पर अधिक बल दिया जाता था परन्तु समय परिवर्तन के साथ साथ अब कहानी में घटना तथा कार्य-व्यापार की तुलना में पात्रों एवं उनके संघर्ष को अधिक महत्त्व दिया जाने लगा है। इस श्रेणी में हम 'रेणु' की 'रसप्रिया', 'ठेस', 'प्रसाद' की कहानी 'छोटा जादूगर', 'मधुआ' तथा 'प्रेमचंद' के 'ईदगाह' को भुला नहीं सकते। जहाँ पर रचनाकारों ने पात्रों का यथार्थ परिदृश्य के अनुकूल मनोवैज्ञानिक एवं मनोविश्लेषणात्मक वर्णन किया है।

देशकाल तथा वातावरण किसी भी रचना के निर्माण में अत्यंत अनिवार्य तत्व होते हैं क्यूंकि इस तत्व के माध्यम से ही रचना सृजन के समय की राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक-सांस्कृतिक परिवेशगत जानकारी प्राप्त होती है। मूलतः यह कहा जा सकता है कि वास्तविक यथार्थ में रहकर भविष्य को भी सदढ बनाने की कल्पना कहानी के इसी तत्व से ही दृष्टिगोचर.......

Details of Book :-

Particulars

Details (Size, Writer, Dialect, Pages)

Name of Book:कुछ अफसाने नई कलम से | Kuch Afsane Nayi Kalam Se
Author:Monika Kumari Mishra
Total pages:91
Language: हिंदी | Hindi
Size:6 ~ MB
Download Status:Available


Kuch Afsane Nayi Kalam Se written by Monika Kumari Mishra | Ebook size 6 MB | Includes 91 Pages | Find the free PDF download link of “Kuch Afsane Nayi Kalam Se” below and read it right away.

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