Free Hindi Book Achook Chikitsa Ke Prayog In Pdf Download
All New hindi book pdf free download, अचूक चिकित्सा के प्रयोग | Achook Chikitsa Ke Prayog download pdf in hindi | Janki Sharan Varma Books PDF| अचूक चिकित्सा के प्रयोग, Achook Chikitsa Ke Prayog Book PDF Download Summary & Review.
{tocify} $title={Table of Contents}
पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:
- लेखक : जानकीशरण वर्मा
- संपादक : कृष्ण नन्दन प्रसाद
- संस्करण संख्या : 001
- प्रकाशक : भारती भंडार लीडर प्रेस, इलाहाबाद
- मूल : प्रयागराज
- प्रकाशन वर्ष : 1950
- भाषा : हिंदी
- पृष्ठ : 147
- सहयोगी : सरदार शहर पब्लिक लाइब्रेरी
बीच का कद, दोहरा बदन, उच्च ललाट, सरल आँखें, होठों पर मुस्कुराहट, तन में उमंग, मन में उमंग, सिपाहियाना ठाट- यह हैं श्री जानकीशरण वमी ।
सजीवता के इस पुंज से मेरा परिचय सन् १६३७ में पत्र-व्यवहार द्वारा हुआ था। मैं लुईकूने की पुस्तक के आधार पर नहान ले रहा था, इसी बीच मुझे 'रोगों की अचूक चिकित्सा' मिल गई। पढ़ गया। लगा तो कि लेखक अनुभवशील हैं पर यह शंका बनी रही कि कहीं हिन्दी की आज की वागवानी और खेती की अधिकतर पुस्तकों की तरह यह पुस्तक भी केवल पुस्तकें पढ़कर ही न लिखी गई हो ? युवा-जनित सहज कुतूहल ने निश्चय करना चाहा। मने उन्हें एक पत्र चिकित्सा-क्रम पर लिखा और राय माँगी। लौटती डाक से पत्र का उत्तर आया और ऐसे प्रभावकारी शब्दों में कि रोटी सब्जी और नहान छोड़ कर पत्र के अनुसार फलाहार मिट्टी की पट्टी और एनिमा में लगा। एक कार्यक्रम माँगा। पहले पत्र की तेजी से ही पत्रोत्तर मिला, चेतावनी भी आई, "यह जान कर खुशी हुई कि आपने फलाहार शुरू कर दिया। चार-पांच दिन पहले कमजोरी मालूम होगी, पर आप उससे घबरायें नहीं। उसे चुपचाप सह जायें। अगर टहलने की इच्छा न हो तो लेटे रहें। चार-पांच दिनों के बाद ही कमजोरी कम होने लगेगी और फिर शक्ति भर टहल-घूम सकते हैं। बतौर नमूने के कार्यक्रम नीचे देता हूँ, उसमें सुविधा के अनुसार हेर-फेर कर सकते हैं, पर जिसके लिए जो समय निश्चित किया जाय उसका पालन हर रोज हो।"
वमर्माजी अपनी सजीवता अपने तक ही सीमित नहीं रखते थे। उसे बिखेरते रहते थे। कोई कितना भी मुदी-दिल हो, हो नहीं सकता था कि इनके साथ रह कर न हँसे, न मुस्कुराए । बात-बात में जोश भरते रहते थे, हताश तो होने ही नहीं देते थे। किसी कार्य को शुरू करके उसे पूरा करने के लिए कटिबद्ध रहते थे। जिस प्रकार उनका आरम्भ में विश्वास रहता था, उसी प्रकार अंत में। मैंने प्राकृतिक चिकित्सा को भी औषधोपचार ही समझ रखा था, जिसे आरम्भ करते ही आराम मालूम होने लगता है और न उभार के लिए जहाँ स्थान है। फलाहार आदि करते दिन हो गये और लाभनजर न आया तो मैं घबरा-घबरा कर पूछता, मैं कब तक अच्छा 'हो जाऊँगा ? यह उभार का वखेड़ा क्या है? न सही ऐलोपैथी, बायोकेमिस्ट्री या होमियोपैथी तो हानिकर दवा नहीं है, कहिये उसका सेवन करता चलूं। जो उत्तर आते उनसे मेरी धारणाएँ निर्मूल हो जातीं, विचलित मन सुस्थिर होता और दृढ़तापूर्वक चिकित्सा चलाये जाने की शक्ति मिलती ! "यह कहना कि रोगी का शरीर कितने दिनों में विकार-रहित हो जायगा, कठिन है। अंधेरी कोठरी का ठीक-ठीक हाल जानना, रग-रेशे की बनावट को समझना, कठिन है। फिर भी आशा है कि आप जल्द भले चंगे हो जायेंगे ।..... जब तक शरीर पूरा शुद्ध न हो जायगा, विकार निकलता जायगा। इसलिए धैर्य रखना चाहिए। होमियोपैथी से ऐसे जीर्ण रोग में कुछ नहीं हो सकता। मैने २२ वर्ष होमियोपैथी और बायो-केमिल्टी प्रैक्टिस करके छोड़ दी। मेरो में होना को..........
Details of Book :-
Particulars | Details (Size, Writer, Dialect, Pages) |
|---|---|
| Name of Book: | अचूक चिकित्सा के प्रयोग | Achook Chikitsa Ke Prayog |
| Author: | Janki Sharan Varma |
| Total pages: | 147 |
| Language: | हिंदी | Hindi |
| Size: | 21 ~ MB |
| Download Status: | Available |
Achook Chikitsa Ke Prayog written by Janki Sharan Varma | Ebook size 21 MB | Includes 147 Pages | Find the free PDF download link of “Achook Chikitsa Ke Prayog” below and read it right away.
Hindi Book Categories
You May Also Like:
📌 Note: Link redirects to external source. Hindibook.in does not host files.
Odia Library Book PDF Free Download: https://www.odiabook.in/
| हमारी वेबसाइट से जुड़ें | ||
|---|---|---|
| Whatspp चैनल | Follow Us | |
| Follow Us | ||
| Follow Us | ||
| Telegram | Join Our Channel | |
| Follow Us | ||
| YouTube चैनल | Subscribe Us | |
About Hindibook.in
Hindibook.In Is A Book Website Where You Can Download All Hindi Books In PDF Format.
Note : The above text is machine-typed and may contain errors, so it should not be considered part of the book. If you notice any errors, or have suggestions or complaints about this book, please inform us.
Keywords: Achook Chikitsa Ke Prayog Hindi Book Pdf, Hindi Book Achook Chikitsa Ke Prayog Pdf Download, Hindi Book Free Achook Chikitsa Ke Prayog, Achook Chikitsa Ke Prayog Hindi Book by Janki Sharan Varma Pdf, Achook Chikitsa Ke Prayog Hindi Book Pdf Free Download, Achook Chikitsa Ke Prayog Hindi E-book Pdf, Achook Chikitsa Ke Prayog Hindi Ebook Pdf Free, Achook Chikitsa Ke Prayog Hindi Books Pdf Free Download.

