Free Hindi Book Unnati Ki Rahe In Pdf Download
All New hindi book pdf free download, उन्नति की राहे | Unnati Ki Rahe download pdf in hindi | Swett Marden Books PDF| उन्नति की राहे, Unnati Ki Rahe Book PDF Download Summary & Review.
पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:
जिस मनुष्य के जीवन में संतोष है वह भले ही निर्धन हो, पेट भरकर भोजन न जुटा पाता हो, रोगों से पीड़ित हो, वह रात को सुख की नींद सोता है और मौत को आते देखकर भी प्रसन्नता से उसको गले लगा लेता है। उसके लिये ऐसा कोई कारण नहीं रह जाता जिसके कारण उसे चिन्ता करनी पड़े। संतोष सुख की सीढ़ी है, किन्तु आज के मानव में संतोष जरा भी नहीं है। व्यक्ति कितना भी धनी क्यों न हो जाये, सब प्रकार की सुख-सुविधाएं उसे प्राप्त हों किन्तु वह हाय-हाय करता ही दिखाई देता है। जो गरीब है उसकी भी यही स्थिति है। न उसके जीवन में संतोष है न शक्ति। यही असन्तोष उसे पाप करने, दूसरों को धोखा देने, जेब काटने, अपना ही स्वार्थ सिद्ध करने, धन एकत्रित करने, मेरा और तेरा का भेद पैदा करने आदि पर विवश करता है। लोग अक्सर दूसरे की उन्नति को फटी आंखों नहीं देख सकते और कहते हैं कि वह इतना धनी हो गया है उसने अपना मकान बना लिया है। अब तो वह बड़ा आदमी बन गया है इत्यादि बातों से अपने मन को व्यर्थ ही चिन्तित कर अशान्त रहते हैं।
दूसरों से प्रेरणा लें :
बजाय इसके कि हम अपने को वहां तक पहुँचाने में परिश्रम करें अपना पूरा वक्त उसमें लगायें, हम दूसरे की प्रगति में बाधक बनने का प्रयास करते हैं, वह कैसे नीचे गिर सकता है इसका षड्यंत्र रचते हैं और अपने जीवन का मूल्यवान समय इन्हीं कामों में बिता देते हैं। जब हमें ऐसे कामों का फल भोगना पड़ता है, तब परम पिता ईश्वर को बुरा भला कहते हैं रोते-पीटते हैं कि हमारे भाग्य में तो यही लिखा था । वास्तव में हमें यह सोचना चाहिये कि यदि दूसरा उन्नति कर रहा है उससे प्रेरणा लेकर हमें उन्नति करनी चाहिए। वह उन्नत हो सकता है तो मैं भी हो सकता हूं। दूसरों ने उन्नति कैसे की? इसका विश्लेषण करना चाहिए। क्या वह अधिक स्वार्थी है, मिलावट कर सामान बेचता है, रिश्वत लेता है, पैसा कमाने के घृणित ढंग अपनाता है, उसका कोई सिद्धान्त नहीं केवल धन इकट्ठा करना ही है या अमुक दुकानदारी में कुछ सिद्धान्तों को स्थिर कर सच्चाई से चलता है, रिश्वत नहीं लेता, परिश्रम करता है।
इन पर गम्भीरता से विचार करना चाहिए। यदि उसने लालच में आकर उन्नति की है तो क्या मुझे भी वह गलत मार्ग अपनाकर उन्नति करनी है। या वास्तविक सुख व सन्तोष लाने के लिये उचित रास्तों का सहारा लेना है? बुद्धि के बल अनुसार, रुचि के अनुरूप उचित कदम उठाने हैं। वह उन्नति कर रहा है, इसलिए मुझे भी उन्नत होना चाहिए और उन्हीं रास्तों का अनुसरण कर उन्नति व सुख की लालसा कर लेना अपने को तथा समाज को धोखा देना होगा और वह असंतोष ही पैदा करेगा। दूसरों की उन्नति में रोड़े अटकाना, बाधक बनना और चुगली करना भी आपको अपने रास्ते से भटका देने के अलावा और कुछ भी हाथ नहीं लगने देगा ।
सभी लोग स्वर्ग चाहते हैं, जीवन में संतोष चाहते हैं, इसलिये वही काम करने......
Details of Book :-
Particulars | Details (Size, Writer, Dialect, Pages) |
---|---|
Name of Book: | उन्नति की राहे | Unnati Ki Rahe |
Author: | Swett Marden |
Total pages: | 128 |
Language: | हिंदी | Hindi |
Size: | 12.5 ~ MB |
Download Status: | Available |

हमारी वेबसाइट से जुड़ें | ||
---|---|---|
Whatspp चैनल | Follow Us | |
Follow Us | ||
Follow Us | ||
Telegram | Join Our Channel | |
Follow Us | ||
YouTube चैनल | Subscribe Us |
About Hindibook.in
Hindibook.In Is A Book Website Where You Can Download All Hindi Books In PDF Format.
Note : The above text is machine-typed and may contain errors, so it should not be considered part of the book. If you notice any errors, or have suggestions or complaints about this book, please inform us.
Keywords: Unnati Ki Rahe Hindi Book Pdf, Hindi Book Unnati Ki Rahe Pdf Download, Hindi Book Free Unnati Ki Rahe, Unnati Ki Rahe Hindi Book by Swett Marden Pdf, Unnati Ki Rahe Hindi Book Pdf Free Download, Unnati Ki Rahe Hindi E-book Pdf, Unnati Ki Rahe Hindi Ebook Pdf Free, Unnati Ki Rahe Hindi Books Pdf Free Download.