हिन्दू धर्म की दैवी कहानियाँ | HINDU DHARMA KI DAIVEEYA KAHANIYAN HINDI BOOK PDF DOWNLOAD

Hindu Dharma Ki Daiveeya Kahaniyan Hindi Book Pdf Download

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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:

लोग मिथकों के माध्यम से विश्व की कल्पना करते हैं।

बहुधा मिथक धार्मिक कहानियों में जड़े होते हैं। इसलिए हमारे पूर्वजों ने कैसे सोचा होगा, यह जानने के लिए हम इन विविध कहानियों का सहारा लेते हैं; जैसे- वैदिक परंपरा के मंत्र, चारणों की सूत परंपरा की कहानियाँ, जैसे- रामायण, महाभारत और पुराण तथा जातक एवं जैन कहानियाँ भी। इस पुस्तक में हम कई और कहानियों-अरबी, यूनानी, रोमन, मिस्री और स्कैंडिनेवियाई मिथकों का पता लगाएँगे। हम यह भी जानेंगे कि इसलामी और ईसाई विश्वों के मिथक भारत आकर कैसे बदले, ठीक वैसे ही जैसे बौद्ध मिथक चीन और अन्य देश जाकर बदले। हम समझ जाएँगे कि कुछ भावनाएँ सार्वभौमिक होती हैं।

कथा माइथोलॉजी का रचक खंड होती है। कथा कथन का उद्देश्य मनोरंजन करना और कुछ सीख देना होता है और कथा सुनने के बाद उस पर चिंतन करना भी अपेक्षित है। कथाओं से हम एक वैकल्पिक विश्व का आनंद उठा सकते हैं। हम जिस विश्व में रहते हैं, उसकी हमारे पूर्वजों ने कैसी कल्पना की होगी, यह समझने में इन कथाओं के पात्र हमारी मदद करते हैं। मेरी आशा है कि छोटे से अध्यायों वाली यह पुस्तक, जिन्हें आप कॉफी या चाय पीते हुए पढ़ सकते हैं, आपको ऐसा करने में मदद करेगी।

इस संपूर्ण पुस्तक और उसकी कहानियों के माध्यम से मेरे दो प्रयास होंगे-

पहला प्रयास होगा-देश-काल-गुण, अर्थात् भूगोल-इतिहास-गुण के पौराणिक ढाँचे के माध्यम से माइथोलॉजी में विविध विषयों पर बात करना। इसका उद्देश्य आपको याद दिलाना है कि सभी कहानियाँ एक विशिष्ट संदर्भ में सुनाई जाती हैं। विचार भले ही शाश्वत हों, लेकिन कहानियाँ शाश्वत नहीं होती हैं। कहानियाँ काल, देश और उन्हें प्रसारित करनेवाले लोगों के अनुसार बदलती हैं।

दूसरा प्रयास होगा- मिथकों को समझने के लिए एक 'उत्तर-संरचनावादी' ढाँचे का प्रयोग करना। सरल शब्दों में समझाना हो तो मैं अखंडनीय श्रेणियों और सख्त उपनामों की परवाह वाह नहीं नहीं करता। हालाँकि, वे हमारे जटिल इतिहास को संगठित करने में मदद करते हैं, मैं यह भी जानता हूँ कि ये श्रेणियाँ बनानेवाले लोगों के अपने पूर्वग्रह व उद्देश्य होते हैं और वे एक समान जानकार नहीं होते हैं। निश्चित ही, 'तमोयुग' में रहनेवाले लोग यह नहीं

मानते थे कि उनका युग अंधकार भरा था। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा दोनों समकालीन नाम हैं। इन संस्कृतियों ने अपने आप को किस नाम से बुलाया होगा, हम नहीं जानते; हालाँकि, हम जानते हैं कि मेसोपोटामियाई लोग सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों को या कम-से-कम उसके समुद्र-तट को 'मेलूहा' नाम से संबोधित करते थे। इस प्रकार, उपनाम और संरचनाएँ मददगार होते हुए भी सीमित करती हैं।

शुरू करने से पहले मुझे कुछ ऐसी बातों की की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना है, जो स्पष्ट हैं, लेकिन जिन्हें स्पष्टतया बताना लाभदायक होगा। उससे आपको कहानियों की और अच्छे से सराहना करने में मदद मिलेगी।

पहली बात, माइथोलॉजी इतिहास नहीं है। दोनों के उद्देश्य अलग हैं। इतिहास अतीत को दर्ज करता है। माइथोलॉजी से हमें यह समझ आता है कि संस्कृतियाँ विश्व और अतीत की कल्पना कैसे करती हैं। यह सच है कि समय के साथ कुछ ऐतिहासिक पात्रों को पौराणिक रूप दिया गया है, उदाहरणार्थ- सिद्धार्थ गौतम, जिनके बारे में अश्वघोष ने लिखा, हालाँकि वह बुद्ध की मृत्यु के 500 साल बाद हुआ। उसी तरह, ईसा मसीह के जीवन पर आधारित 'इंजील', मुहम्मद पैगंबर के जीवन पर आधारित 'हदीस' और आदि शंकराचार्य के जीवन पर आधारित 'दिग्विजय' उनके जीवनकाल के कई सदियों बाद लिखे गए। इन वृत्तांतों को रूपकों और विलक्षण प्रतीकों से अलंकृत किया गया, ताकि किसी विशेष विश्व-दृष्टि या इन हस्तियों की धार्मिक नेता के रूप में स्थिति और सुदृढ़ बनाई जा सके। कहानियों का उद्देश्य इतिहास को दर्ज करना कभी नहीं था। विचार तथ्य से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण था।

माइथोलॉजी दृष्टांत भी नहीं है। दृष्टांत निर्देशात्मक होते हैं, जबकि माइथोलॉजी संरचनात्मक होती है, जिसमें निसर्ग और संस्कृति के स्रोत एवं उनके संगठन का विवरण होता है। दृष्टांत माइथोलॉजी का भाग हो सकते हैं। माइथोलॉजी आध्यात्मिक भी हो सकती है, जो बस, अलौकिक शब्दावली में बताया गया गहन मनोविज्ञान है। माइथोलॉजी धर्म का आधार है, जो अलौकिक की मदद से लोगों का व्यवहार निर्धारित करता है।

इतिहास की धारणा भी 200 साल पहले तक अस्तित्व में नहीं आई थी। विद्वान् अतीत का विश्लेषण केवल उन्नीसवीं सदी में करने लगे, यह जानने के लिए कि क्या वे प्रमाणों के आधार पर अतीत के बारे में कोई ठोस दावे कर सकते थे या नहीं। हम उस गतिविधि को 'इतिहास' करने लगे। जिन कहानियों का कोई प्रमाण नहीं था लेकिन जो राजनीतिक.........

Details of Book :-

Particulars

Details (Size, Writer, Dialect, Pages)

Name of Book:हिन्दू धर्म की दैवी कहानियाँ | Hindu Dharma Ki Daiveeya Kahaniyan
Author:Devdutt Pattanaik
Total pages:137
Language: हिंदी | Hindi
Size:2.1 ~ MB
Download Status:Available


Name of the Book is : Hindu Dharma Ki Daiveeya Kahaniyan | This Book is written by Devdutt Pattanaik | The size of this book is 2.1 MB | This Book has 137 Pages | The Download link of the book "Hindu Dharma Ki Daiveeya Kahaniyan " is given Below, you can downlaod Hindu Dharma Ki Daiveeya Kahaniyan from the below link for free.

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