Free Hindi Book The Third Eye In Pdf Download
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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:
तिब्बती लामा की ये आत्मकथा, उनके अनुभवों का अद्वितीय लेखाजोखा है, जिसको सुनिश्चित करना अपरिहार्य रूप से कठिन है। लेखक के कथनों की पुष्टि करने के इस प्रयास में, प्रकाशक ने, उनकी पाण्डुलिपि को, लगभग 20 प्रबुद्ध एवं अनुभवी पाठकों को प्रस्तुत किया, जिनमें से कुछ, इस विषय में विशिष्ट ज्ञान रखने वाले थे। उनके मत इतने विरोधाभासी थे कि, कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल सका। कुछ ने, कुछ खण्डों की प्रमाणिकता पर प्रश्नचिन्ह लगाए, जबकि दूसरों ने, कुछ दूसरों पर। जो एक विशेषज्ञ द्वारा बिना किसी प्रश्नचिन्ह के स्वीकार कर लिया गया था वहीं, दूसरे द्वारा नकार दिया गया। कैसे भी, प्रकाशकों ने अपने आप से पूछा कि क्या कोई ऐसा विशेषज्ञ है, जिसने उच्चतम विकसित रूप में, तिब्बत के लामा का प्रशिक्षण प्राप्त किया हो ? क्या कोई ऐसा व्यक्ति है, जो तिब्बती परिवार में पला बढ़ा हो।
लोबसॉग रम्पा ने दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए कि, वह चुंगकिंग विश्वविद्यालय द्वारा चिकित्सकीय उपाधि धारण करते हैं। उन दस्तावेजों में उनको ल्हासा के पोटाला लामामठ के लामा के रूप में बताया गया है। उनके साथ व्यक्तिगत बातचीत में हमने पाया कि, उनके पास असामान्य शक्तियों एवं उपलब्धियों है। उनके व्यक्तिगत जीवन के विषय में, वे शांत प्रकृति के लगते हैं, जिसे समझना, कभी कभी मुश्किल लगता है। परंतु हर व्यक्ति को अपने निजत्व का अधिकार है और लोबसाँग रम्पा कुछ छिपाव बनाकर रखते हैं, जो साम्यवादियों द्वारा कब्जा किए गए तिब्बत में, उनके परिवार की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। वास्तव में कुछ व्याख्यायें जैसे कि, उनके पिता की तिब्बतीय राज्य व्यवस्था में वास्तविक स्थिति, जानबूझ कर इस उद्देश्य के लिए छिपाई गई है।
इन कारणों से, लेखक को समझबूझ कर, और स्वेच्छा से आगे आ कर अपने द्वारा दिए गए वक्तव्यों के लिए उत्तरदायित्व निभाना चाहिए। हमें ऐसा प्रतीत हो सकता है कि, उन्होंने यहाँ-वहाँ, पश्चिमी निर्ममता के लिए, सीमाओं को लॉघा है, यद्यपि इस विषय पर पश्चिमी विचार मुश्किल से ही निर्णायक हो सकते हैं। कम से कम प्रकाशक तो यह विश्वास कर सकते हैं कि, तीसरी आँख किसी तिब्बतीय लड़के के अपने परिवार में पालन पोषण और लामामठ में उसके प्रशिक्षण का अधिकृत लेखा-जोखा हो सकता है। इस भावना के साथ, हम इस पुस्तक को प्रकाशित कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि, कोई भी. जो हमसे भिन्न मत रखता हो, कम से कम इस बात से सहमत होगा कि, लेखक को सजीव वर्णन, और दृश्यों को उभारने की, असामान्य रूप से विकसित क्षमता प्राप्त है, और अद्वितीय अभिरुचि के चरित्रों को उचित रूप से प्रस्तुत करने की क्षमता है।
Details of Book :-
Particulars | Details (Size, Writer, Dialect, Pages) |
|---|---|
| Name of Book: | द थर्ड आई | The Third Eye |
| Author: | T. Lobsang Rampa |
| Total pages: | 165 |
| Language: | हिंदी | Hindi |
| Size: | 2.8 ~ MB |
| Download Status: | Available |
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