Free Hindi Book Manoranjak Bijganit In Pdf Download
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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:
बीजबीजगणित को अक्सर "सात संक्रियाओं वाला अंकबीजगणित" कहते हैं- इस बात पर जोर देने के लिये कि वह चार सर्वविदित बीजगणितीय संक्रियाओं के अतिरिक्त तीन नयी संक्रियाओं घातन और इसकी दो प्रतीप (उल्टी) संक्रियाओं का भी अध्ययन करता है।
बीजबीजगणित पर हमारी बातचीत पाँचवी संक्रिया घातन से शुरू होगी। (किसी संख्या को स्वयं से एक नियत संख्या बार गुणा करने की क्रिया को घातन कहते हैं)।
क्या इस नयी संक्रिया की आवश्यकता हमारे व्यावहारिक जीवन में उत्पन्न होती है? बिल्कुल। यथार्थ दुनिया में हमें अक्सर इससे वास्ता पड़ता रहता है। आप क्षेत्रफल और आयतन कलन करने की उन अनेकानेक परिस्थितियों की याद करें, जिनमें संख्या का दूसरा और तीसरा घात प्राप्त करना पड़ता है। आगे गुरुत्वाकर्षण-बल, स्थैतिक वैद्युत तथा चुंबकीय व्यतिक्रियाओं के बल, प्रकाश और ध्वनि दूरी के दूसरे घात के समानुपात में क्षीण होते हैं। सूर्य के गिर्द ग्रहों का (और ग्रहों के गिर्द उपग्रहों का) परिक्रमण-काल पक्रिमण-केन्द्र की दूरी के साथ घातीय निर्भरता द्वारा ही संबंधित होता है परिक्रमण-कालों के द्वितीय घातों का अनुपात वैसा ही होता है, जैसा दूरियों के तीसरे घातों का ।
यह न सोचें कि व्यवहार में हमें सिर्फ दूसरे व तीसरे घातों की आवश्यकता होती है तथा अधिक उच्च घात सिर्फ बीजबीजगणितीय अभ्यासों में मिलते हैं। इंजिनियर किसी वस्तु की मजबूती के आकलन में अक्सर चौथे घातों की सहायता लेता है और अन्य आकलनों में (जैसे वाष्प-वाही नलियों के व्यास निर्धारित करने में) उसे छठे घात की भी श्रावश्यकता पड़ती है। बहता पानी पत्थर को जिस बल से घसीटता है, उसका अन्वीक्षण करते वक्त जल-तकनीशियन को भी छठे घात वाली निर्भरता प्राप्त होती है: यदि एक नदी में धारा का वेग दूसरी नदी की अपेक्षा चौगुना अधिक है, तो तेज नदी अपने तल पर 46, अर्थात् 4096 गुना अधिक भारी पत्थर लुढ़का सकती है, बनिस्बत कि मंद नदी।
जब हम तप्त पिंड जैसे बल्ब के भीतर पतले गर्म तार-में तापक्रम पर चमक की निर्भरता का अध्ययन करते हैं, तो हमें और भी उच्च घात मिलते हैं। सफेद तप्त पिंड में चमक तापक्रम के बारहवें घात के साथ समानुपाती होती है और लाल तप्त पिंड में तापक्रम के तीसवें घात के साथ समानुपाती होती है। याद दिला दें कि यहां तापक्रम परम इकाइयों केल्विन (K) में नापा जाता है, जिसका शून्य ऋण 273°C से शुरू होता है। इसका मतलब है कि पिंड को........
Details of Book :-
Particulars | Details (Size, Writer, Dialect, Pages) |
|---|---|
| Name of Book: | मनोरंजक बीजगणित | Manoranjak Bijganit |
| Author: | Yakov Perelman |
| Total pages: | 274 |
| Language: | हिंदी | Hindi |
| Size: | 7.6 ~ MB |
| Download Status: | Available |
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