Free Hindi Book Chikitsa Vigyan Ki Vikas Ki Kahani In Pdf Download
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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:
कसकर दबा दिया। अंदर का सारा पीब-मवाद निकलकर बाहर आ गया और फोड़े की सूजन कम हो गई। मरीज का चीखना-चिल्लाना भी बंद हो गया और उसे आराम महसूस हुआ। इस तरह दुनिया के आदमियों को पहली बार यह पता चला कि किसी टीसते फोड़े को दबाकर फोड़ देने से वह ठीक हो जाता है। घावों को आग से दागकर भी ठीक करने का रिवाज इसी तरह शुरू हुआ।
पहले बताया जा चुका है कि आदिम मनुष्य झुण्ड बनाकर कबीलों की शक्ल में रहते थे। आज भी अकसर देखा जाता है कि ज्यादा घनी बस्तियों में बीमारियां ज्यादा और जल्दी-जल्दी फैलती हैं। कीटाणुओं और जीवाणुओं को पनपने का मौका मिलता है। यही हाल तब भी था। अकसर एक कबीले से दूसरे कबीले में बीमारियां फैलती रहती थीं और उनसे बचने का तरीका न मालूम होने के कारण बड़ी संख्या में लोग मरते रहते थे। सच बात तो यह है कि शुरू के उस जमाने में जिंदगी इतनी मुश्किल थी कि आदिम मनुष्य की औसत उम्र 30-35 साल से ऊपर नहीं जा पाई।
उसी जमाने में झाड़-फूंक के जरिये इलाज की शुरुआत हुई। जब कबीले का कोई आदमी बीमार पड़ता; तो कबीले का मुखिया मरीज पर से बुरी छाया को दूर भगाने के लिए झाड़-फूंक का अनुष्ठान करता। इस प्रकार हम देखते हैं कि आदिम काल के कबीलाई मनुष्य ने चिकित्सा और इलाज की दो शैलियां ईजाद कीं। एक शैली व्यावहारिक चिकित्सा की थी, जिसके तहत जख्मों को चूस या चाटकर अथवा आग से दागकर या पीब-मवाद निकालकर ठीक किया जाता था। मालिश भी इस चिकित्सा शैली का एक हिस्सा थी। दूसरी शैली थी झाड़-फूंक या ओझागीरी की। इन दोनों तरह के इलाजों का प्रयोग कभी तो एक साथ होता था और कभी अलग-अलग। तब रोगी के इलाज का मकसद यह माना जाता था कि या तो उसे रोग से छुटकारा दिलाकर भला-चंगा कर दिया जाये, और अगर मर्ज लाइलाज हो, तो मरीज को जान से मार दिया जाये; ताकि कबीले के बाकी लोगों पर वह फालतू बोझ न बने।
तब की झाड़-फूंक भी बड़ी अजीबो-गरीब होती थी। मरीज पर से बुरी आत्मा की छाया दूर भगाने के लिए तावीजों का इस्तेमाल तो होता ही था, भेंटें और बलि भी दी जाती थीं। कभी-कभी मरीज के हाथ या पैर की कोई एक उंगली या कोई अन्य अंग भी काट कर बुरी आत्मा को भेंट कर दिया जाता......
Details of Book :-
Particulars | Details (Size, Writer, Dialect, Pages) |
|---|---|
| Name of Book: | चिकित्सा विज्ञान के विकास की कहानी | Chikitsa Vigyan Ki Vikas Ki Kahani |
| Author: | Suresh Salil |
| Total pages: | 32 |
| Language: | हिंदी | Hindi |
| Size: | 3.3 ~ MB |
| Download Status: | Available |
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