स्कन्दगुप्त | SKANDAGUPTA HINDI DRAMA BOOK PDF DOWNLOAD

Skandagupta Hindi Drama Book Pdf Download

Free Hindi Book Skandagupta In Pdf Download

All New hindi book pdf free download, स्कन्दगुप्त | Skandagupta download pdf in hindi | Jaishankar Prasad Books PDF| स्कन्दगुप्त, Skandagupta Book PDF Download Summary & Review.

{tocify} $title={Table of Contents}

पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:

नीचे दिए गए मूल अनुच्छेद को भाषा, वाक्य-रचना, वर्तनी और अर्थ के अनुसार सुधारकर व्यवस्थित पैराग्राफ बना दिया गया है। मूल अर्थ में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है—केवल त्रुटियाँ सुधारी गई हैं:

स्कंदगुप्त विक्रमादित्य

इस नाट्य-रचना का आधार दो मंतव्यों पर स्थिर किया गया है, जिनके संबंध में हमें कुछ कहना है—पहला यह कि उज्जयिनी के पर-दुःख-भंजक विक्रमादित्य, गुप्त-वंशी स्कंदगुप्त थे; और दूसरा यह कि मातृगुप्त ही दूसरे कालिदास थे, जिन्होंने ‘रघुवंश’ आदि काव्यों की रचना की।

स्कंदगुप्त का विक्रमादित्य होना प्रत्यक्ष प्रमाणों से सिद्ध होता है। शिप्रा में जल भरकर लाने वाले और चटाई पर सोने वाले उज्जयिनी के विक्रमादित्य, स्कंदगुप्त के ही साम्राज्य के खंडहरों पर भोज के परमार पूर्वजों ने मालवा का नवीन साम्राज्य स्थापित किया था। परंतु मातृगुप्त के कालिदास होने में अनुमान का अधिक संबंध है। संभव है कि आगे चलकर कोई प्रत्यक्ष प्रमाण भी मिल जाए, परंतु उसके लिए हमारा कोई आग्रह नहीं है। इसलिए नाटक में मातृगुप्त का ही प्रयोग किया गया है।

मातृगुप्त का कश्मीर का शासन और तोरमाण का समय निश्चित-सा है। विक्रमादित्य की मृत्यु के बाद वह दिया गया कश्मीर-राज्य छोड़ देता है, और उसी समय सिंहल के कुमार धातुसेन का समय निर्धारित होता है। इस कारण इस नाटक में धातुसेन भी एक पात्र है। बंधुवर्मा, चक्रपालित, पणे-दत्त, शर्वताग, पृथ्वीनाग, पृथ्वीसेन, विगिल, प्रश्याढकिति, भीमवर्मा (जिसका शिलालेख कौशांबी में मिला है), गोविंदगुप्त आदि सभी ऐतिहासिक व्यक्ति हैं।

इसमें प्रपंचबुद्धि और मुद्गल कल्पित पात्र हैं। स्त्रोत-प्रमाणों में स्कंद की जननी का नाम मैंने देवकी रखा है। स्कंदगुप्त के एक शिलालेख में ‘हतरिपुरिव कृष्णो देवकीमभ्युपेत’ मिलता है। संभव है कि स्कंद की माता का नाम देवकी ही रहा हो, क्योंकि पुरुगुप्त का भी उल्लेख उसकी माता के रूप में मिलता है। यही पुरुगुप्त स्कंदगुप्त के पश्चात् शासक हुआ। देवसेना और जयमाला वास्तविक या काल्पनिक, दोनों हो सकते हैं। विजया, मना, रामा और मालिनी जैसे अन्य नाम भी उस समय संभव थे। इसलिए ये पात्र कल्पित हैं। घटनाओं की परंपरा ठीक रखने के लिए कहीं-कहीं कल्पना का सहारा लेना पड़ा।

विक्रमादित्य

जिनके नाम से विक्रम संवत का प्रचार है—भारत के उन विख्यात और बुद्ध-परिचित विक्रमादित्य का ऐतिहासिक अस्तित्व कुछ विद्वान स्वीकार नहीं करते। इसके कई कारण बताए जाते हैं—इनका कोई शिलालेख प्राप्त नहीं होता, विक्रम संवत का प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख दुर्लभ है, और स्वयं मालवा में प्राचीन काल से मालव संवत का ही प्रचलन था।

कुछ विद्वानों का मत है कि गुप्तवंशीय द्वितीय चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ही वास्तविक विक्रमादित्य था, जिसने सौराष्ट्र के शकों को पराजित किया और प्रचलित नासब संवत के साथ अपनी उपाधि ‘विक्रम’ जोड़कर विक्रम-संवत प्रचलित किया।

परंतु यह मत पर्याप्त नहीं प्रतीत होता, क्योंकि चंद्रगुप्त द्वितीय का नाम चंद्रगुप्त था, उपाधि विक्रमादित्य थी। उसने सौराष्ट्र के शकों को पराजित अवश्य किया, पर इससे यह सिद्ध नहीं होता कि चरित-नायक विक्रमादित्य वही थे। चंद्रगुप्त द्वितीय उज्जयिनी से न होकर पाटलिपुत्र से संबंधित थे। उनके शिलालेखों में गुप्त-संवत प्रयुक्त हुआ है, अतः वे दो संवतों के अकेले प्रचारक नहीं हो सकते।

इसी कारण ‘कथासरित्सागर’ में कहा गया है—
‘विक्रमादित्य इत्यासीद् राजा पाटलिपुत्रकः’,
अर्थात् एक ऐसा राजा था जिसके पास यह उपाधि थी। यह उसी प्रकार है जैसे ‘सिकंदर-सानी’ और ‘आलमगीर-सानी’ उपाधियाँ बाद में धारण की गईं।

Details of Book :-

Particulars

Details (Size, Writer, Dialect, Pages)

Name of Book:स्कन्दगुप्त | Skandagupta
Author:Jaishankar Prasad
Total pages:140
Language: हिंदी | Hindi
Size:14.5 ~ MB
Download Status:Available


Skandagupta written by Jaishankar Prasad | Ebook size 14.5 MB | Includes 140 Pages | Find the free PDF download link of “Skandagupta” below and read it right away.

Hindi Book Categories
You May Also Like:
    Skandagupta Book PDF Download
    📌 Note: Link redirects to external source. Hindibook.in does not host files.
    Buy This Book

    अपनी भाषा हिंदी में विविध जानकारियां, ब्लॉग: https://blog.hindibook.in 
    Odia Library Book PDF Free Download:  https://www.odiabook.in/ New

    हमारी वेबसाइट से जुड़ें 
    Whatspp चैनलFollow Us 
    FacebookFollow Us 
    TwitterFollow Us
    TelegramJoin Our Channel 
    InstagramFollow Us
    YouTube चैनलSubscribe Us

    About Hindibook.in

    Hindibook.In Is A Book Website Where You Can Download All Hindi Books In PDF Format.

    Note : The above text is machine-typed and may contain errors, so it should not be considered part of the book. If you notice any errors, or have suggestions or complaints about this book, please inform us.

    Keywords: Skandagupta Hindi Book Pdf, Hindi Book Skandagupta Pdf Download, Hindi Book Free Skandagupta, Skandagupta Hindi Book by Jaishankar Prasad Pdf, Skandagupta Hindi Book Pdf Free Download, Skandagupta Hindi E-book Pdf, Skandagupta Hindi Ebook Pdf Free, Skandagupta Hindi Books Pdf Free Download.

    Post a Comment

    Previous Post Next Post