हां तुम एक विजेता हो | HAAN, TUM EK VIJETA HO HINDI BOOK PDF FREE DOWNLOAD

Haan Tum Ek Vijeta Ho

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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:

एक एक आदमी सुखी क्यों है, जबकि दूसरा दुखी? क्यों एक आदमी खुशहाल > व संपन्न है, जबकि दूसरा गरीब? क्यों एक आदमी डरपोक व चिंतित है, जबकि दूसरा निडर व आत्मविश्वासी है? क्यों एक आदमी के पास आलीशान बंगला है, जबकि दूसरा झोंपड़ी में रहता है? क्यों एक आदमी हर कार्य में सफल हो जाता है, जबकि दूसरा असफल रहता है? क्यों एक आदमी सबको प्यारा होता है, जबकि दूसरा नापसंद किया जाता है? क्यों होता है ऐसा कि एक आदमी जीवन की हर परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाता है, जबकि दूसरा अनुत्तीर्ण रहता है? क्यों कुछ लोग दयालु, धार्मिक व स्वस्थ होते हैं, जबकि कुछ दुश्चरित्र, अधार्मिक व अस्वस्थ? क्यों एक ही घर में पलने वाले दो भाइयों का स्वभाव अलग-अलग होता है? इन सभी सवालों का जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि हम अपने चेतन व अवचेतन मस्तिष्क को किस प्रकार इस्तेमाल करते हैं। कल, आज और आने वाला कल ये तीनों काल हमारे अवचेतन मस्तिष्क द्वारा निर्धारित व नियंत्रित किए जाते हैं।

इसी तरह के अन्य सवाल जब भी हमारे मन में उत्पन्न होते हैं और जब हमारा मन इनका जवाब तलाश करना चाहता है, तो अकसर पाते हैं कि हम सफलता को भाग्य, परिस्थिति एवं क्षमता आदि से जोड़कर देखते हैं और स्वयं को हीन व सफल व्यक्तियों को भाग्य की देन कहकर अपने को संतुष्ट करने का प्रयास करते हैं। उपरोक्त सभी उपमाओं में निम्न व्यक्तियों से उच्च व्यक्तियों (गरीब-अमीर, साधारण व्यक्तित्त्व आकर्षक व्यक्तित्त्व) की तुलना जब हम करते हैं, तो इनके तुलनात्मक गुणों को भूलकर केवल परिस्थितियों का विश्लेषण ही करते हैं, जबकि उच्च स्तर को प्राप्त व्यक्तियों के गुण ही उन्हें उच्च बनाते हैं और आश्चर्य की बात यह है कि जब उनके एक-एक गुण का विश्लेषण करते हैं, तो वे सभी गुण हमारे अंदर मौजूद पाते हैं, परंतु ये गुण विद्यमान होने के बावजूद सुप्त अवस्था में हैं। अगर उन गुणों को हम सक्रिय कर लें, तो हम भी सफलता के शिखर को छू सकते हैं।

Details of Book :-

Particulars

Details (Size, Writer, Dialect, Pages)

Name of Book:हां तुम एक विजेता हो | Haan, Tum Ek Vijeta Ho
Author:R. S. Choyal
Total pages:89
Language: हिंदी | Hindi
Size:2.7 ~ MB
Download Status:Available


Haan, Tum Ek Vijeta Ho written by R. S. Choyal | Ebook size 2.7 MB | Includes 89 Pages | Find the free PDF download link of “Haan, Tum Ek Vijeta Ho” below and read it right away.

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