Free Hindi Book Srinkhala Ki Kadiyan In Pdf Download
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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:
“श्रृंखला की कड़ियाँ” महादेवी वर्मा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण निबंध संग्रह है, जिसमें उन्होंने सामाजिक, विशेष कर महिलाओं की स्थिति, उनके अधिकारों और उनके मनोवैज्ञानिक अनुभवों को गहराई से व्याख्यित किया है। मैं नीचे इस पुस्तक का वर्णन, विषय, निबंध सूची, और कुछ मुख्य विचार साझा कर रहा हूँ:
पुस्तक का परिचय
- “श्रृंखला की कड़ियाँ” में महादेवी वर्मा ने भारतीय नारी की विषम परिस्थितियों को कई दृष्टिकोणों से देखा है।
- निबंधों में अन्याय के प्रति उनकी असहिष्णुता स्पष्ट है; वे केवल समस्या पेश नहीं करतीं, बल्कि मानवता, समानता और स्वातंत्र्य की बात भी करती हैं।
- भाषा गद्य की है, विश्लेषणात्मक और संवेदनशील; भावनात्मक होने के साथ-साथ तर्कपूर्ण भी।
निबंधों की सूची (मुख्य विषयों सहित)
यह संग्रह लगभग ग्यारह निबंधों का है।
ये निबंध निम्नलिखित हैं:
- श्रृंखला की कड़ियाँ
- युद्ध और नारी
- नारीत्व का अभिशाप
- आधुनिक नारी
- घर और बाहर
- हिंदू स्त्री का पत्नीत्व
- जीवन का व्यवसाय
- स्त्री के अर्थ-स्वातन्त्र्य का प्रश्न
- हमारी समस्याएँ
- समाज और व्यक्ति
- जीने की कला
कुछ मुख्य विचार और विश्लेषण
- दोहरी छवि: महादेवी कहती हैं कि समाज में नारी को अक्सर या तो देवी के रूप में पूजा जाता है या उपेक्षित “बुरी” स्त्री की श्रेणी में डाल दिया जाता है। इन दोनों छवियों में नारी की वास्तविक पहचान और उसकी पीड़ा अक्सर अनदेखी हो जाती है।
- अनुकरण और स्वतंत्रता: नारी को अक्सर परंपराओं, रीति-रिवाजों और समाज द्वारा निर्धारित भूमिकाओं का पालन करने के लिए बाध्य किया गया है; महादेवी इस स्थिति पर सवाल उठाती हैं, और नारी के आत्म-स्वातन्त्र्य, निर्णय शक्ति और विचार की आज़ादी की वकालत करती हैं।
- गृह और बाहर का द्वंद्व: घर के भीतर और बाहर, दोनों जगहों पर नारी की स्थिति पर चिंतन है कि किस तरह से वह सामाजिक बंधनों तथा पारंपरिक अपेक्षाओं को महसूस करती है और उनका सामना करती है।
- जीवन का व्यवसाय: एक निबंध में यह विचार है कि नारी का जीवन भी एक “व्यवसाय” बन गया है — न सिर्फ गृहिणी, प्रेयसी या माता की भूमिका, बल्कि समाज में सम्मान अर्जित करने, खुद को पहचानने और स्वतंत्रता पाने की दिशा में संघर्ष।
Details of Book :-
Particulars | Details (Size, Writer, Dialect, Pages) |
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Name of Book: | श्रृंखला की कड़ियाँ | Srinkhala Ki Kadiyan |
Author: | Mahadevi Verma |
Total pages: | 98 |
Language: | हिंदी | Hindi |
Size: | 1.3 ~ MB |
Download Status: | Available |

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