मैला आंचल | MAILA ANCHAL HINDI BOOK PDF FREE DOWNLOAD

Maila Anchal

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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:

नाम: मैला आँचल

लेखक: फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ 

प्रकाशन वर्ष: 1954 

प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन 

पृष्ठ/आकार: लगभग 446 पृष्ठ 

भाषा एवं शैली: हिंदी (मैथिली/अंचल मिश्रण के संकेत) — यह एक आंचलिक उपन्यास माना जाता है। 

कथावस्तु (संक्षिप्त रूप में)

कहानी उत्तर-पूर्वी बिहार के पूर्णिया जिले के एक गाँव “मेरीगंज” की है, जो उपन्यास का मूल स्थान है। 

कहानी उस समय शुरू होती है जब मलेरिया केंद्र गाँव में खोला जाना है और इसके बाद गाँव में बदलाव की लहरें उठती हैं। 

मुख्य पात्र:

  • डॉक्टर प्रशांत: चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर अपने क्षेत्र में काम करना चाहता है, और गाँव के रोगों, अज्ञानता, गरीबी से लड़ने का प्रयास करता है। 
  • बालदेव: कांग्रेस कार्यकर्ता, गाँव में सम्मानित और सक्रिय सामाजिक व्यक्ति। 
  • लक्ष्मी: एक दासी, पिछड़ी पृष्ठभूमि से आती है, लेकिन स्वाभाव और बुद्धिमत्ता में स्पष्ट रूप से व्यक्त होती है। 
  • कमली और विश्वनाथ प्रसाद: कमली एक संवेदनशील युवती है, और उनका पिता विश्वनाथ प्रसाद तहसीलदार है, जो राजनीतिक परिवर्तनों का पात्र बनता है। 

उपन्यास में प्रेम, समाज, राजनीति, जातिवाद, अंधविश्वास, गरीबी, उम्मीद और निराशा ये सब पृष्ठभूमि में जुड़े हैं। 

कहानी का अंत एक संकेत के रूप में होता है कि गाँवों में धीरे-धीरे चेतना जाग रही है, लेकिन बदलाव की राह कठिन है। 

विशेषताएँ और महत्व

1. आंचलिकता (Regionalism):

 मैला आँचल को हिंदी साहित्य में आंचलिक उपन्यास की धारा माना जाता है। इसमें गाँव का परिवेश, बोली, त्योहार, रीति-रिवाज और सांस्कृतिक जीवन का यथार्थ प्रस्तुतीकरण किया गया है। 

2. भाषा एवं लोक माध्यम:

 लेखक ने स्थानीय बोली और शब्दों का प्रयोग किया है, जिससे पाठक को गाँव की आत्मा महसूस होती है। लोकगीत, संवादों की सहजता, कहने का तत्त्व — यह सब उपन्यास को जीवंत बनाते हैं। 

3. सामाजिक एवं राजनीतिक चिंताएँ:

 उपन्यास सामाजिक विषमताओं, जाति व्यवस्था, राजनीतिक स्वार्थों, भ्रष्टाचार, अंधविश्वास, धार्मिक पाखण्ड आदि मुद्दों को छूता है। स्वतंत्रता के बाद भी बदलाव की कमी पर प्रश्न उठाता है। 

4. कहानी शिल्प:

 उपन्यास में घटनाएँ एक के बाद एक घटती जाती हैं, केंद्रीय एक ही पात्र नहीं है — बल्कि वातावरण (अंचल) लगभग एक पात्र की भांति सामने आता है। 

5. प्रभाव एवं स्थान:

 मैला आँचल को “गोदान” के बाद हिंदी उपन्यास की एक महान कृति माना जाता है। 

 यह हिंदी साहित्य में आंचलिकता को स्थापित करने में मील का पत्थर है।

Details of Book :-

Particulars

Details (Size, Writer, Dialect, Pages)

Name of Book:मैला आंचल | Maila Anchal
Author:Phanishwar nath Renu
Total pages:446
Language: हिंदी | Hindi
Size:8.7 ~ MB
Download Status:Available


Maila Anchal written by Phanishwar nath Renu | Ebook size 8.7 MB | Includes 446 Pages | Find the free PDF download link of “Maila Anchal” below and read it right away.

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