योग कैसे करें | YOGA KAISE KAREN HINDI BOOK PDF DOWNLOAD

Yoga Kaise Karen Hindi Book Pdf Download

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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:

इस पुस्तक में मैंने जो अनुभव लिखे हुए हैं, वे अनुभव हमारी साधना काल में आये हैं। मैंने अपनी साधना 18-20 सितम्बर, 1984 में शुरू की थी। साधना में शुरूआत से ही मुझे बहुत से अनुभव आये, मगर मैंने शुरुआत में अपने अनुभवों को नहीं लिखा था। हालांकि हमारे गुरूदेव ने कई बार हमसे कहा था- आनन्द कुमार तुम्हें ध्यानावस्था में अच्छे-अच्छे अनुभव आते हैं, इसलिए किसी कॉपी में अनुभवों को लिख लिया करो। पहले मैंने अनुभवों को लिखने की तरफ ध्यान नहीं दिया। जब मैं जून 1989 में श्री माता जी के पास गया और उस समय उनके साथ रहने का सुअवसर मिला, तब अण्णा जी ने भी (पूज्य श्री माता जी के पतिदेव) मुझसे कहा- "आनन्द कुमार! तुम अपने अनुभवों को किसी कॉपी में लिखना शुरू कर दो, हो सकता है भविष्य में तुम्हारे द्वारा लिखे गये अनुभवों का लाभ अन्य साधकों को भी मिले"। मैंने अण्णा जी के कहने पर अनुभवों को लिखना शुरू कर दिया। जून 1989 से मैं अपने अनुभवों को ध्यान में आने के तुरन्त बाद लिख लिया करता था। मगर जो अनुभव सितम्बर 1984 से मई 1989 तक आये, उनको मैंने नहीं लिखा था। इस बीच आये हुए अनुभवों को मैंने सन् 1994-95 में लिखा था, मगर तब तक इन अनुभवों को आये हुए दस वर्ष बीत गये थे। जो अनुभव मुझे याद आये उनमें महत्त्वपूर्ण अनुभवों को लिखा और शेष अनुभवों को छोड़ दिये।

हमें अपनी साधना में जो सफलता मिली तथा साधनाकाल में जो अनुभव आये इसका श्रेय मैं अपने परम पूज्य गुरूदेव श्री माता जी को देता हूँ, क्योंकि श्री माता जी की मुझ पर अपार कृपा रही है। सिर्फ गुरू ही नहीं बल्कि माँ का भी प्यार दिया, उन्हीं के आशीर्वाद से मैं इस योग्य हुआ हूँ कि साधना के समय आये हुए आरम्भिक अवस्था से उच्चतम अवस्था तक के अनुभवों को लिख सका हूँ। मैं तो एक सांसारिक मनुष्य मात्र था, मगर श्री गुरूदेव जी ने अपनी शरण में लेने के बाद मुझे तपा हुआ सोना बना दिया है। हमारे श्री माता जी व पिता जी ने तो हमें जन्म दिया, स्थूल शरीर दिया, मगर हमारे गुरूदेव ने अविद्या और माया से युक्त स्थूल जगत के असली स्वरुप का ज्ञान करा दिया और अनंत का मार्ग दिखा दिया। अब गुरूदेव की कृपा से उसी अनंत के मार्ग पर आगे बढ़ता चला जा रहा हूँ। @MahaYogi Anand Ji

Details of Book :-

Particulars

Details (Size, Writer, Dialect, Pages)

Name of Book:योग कैसे करें | Yoga Kaise Karen
Author:Yogi Anand Ji
Total pages:440
Language: हिंदी | Hindi
Size:4 ~ MB
Download Status:Available


Name of the Book is : Yoga Kaise Karen | This Book is written by Yogi Anand Ji | The size of this book is 4 MB | This Book has 440 Pages | The Download link of the book "Yoga Kaise Karen " is given Below, you can downlaod Yoga Kaise Karen from the below link for free.

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