पवित्र भारतीय विवाह का अंधकारमय पक्ष | PAVITRA BHARTIYA VIVAH KA ANDHAKARMAY PAKSH HINDI BOOK PDF DOWNLOAD

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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:

विवाह को भारत में पवित्र रिश्ता कहा जाता है, और इसे सात जन्मों का पावन रिश्ता होने का गौरव प्राप्त है, हालांकि हम सभी ने देखा, और जाना कि शादी होने से पहले किसी लड़की को उतना ज्यादा त्याग और बलिदान की मूर्ति वाला जीवन नहीं जीना पड़ता जितना कि वह शादी के बाद जीने लगती है, हमारे यहाँ अनेक कुप्रथाएं हैं, जिनमें से अधिकांशतः शादी की आड़ में होती हैं, यूं तो हमारे बड़े-बुजुर्ग कौंड़ी-कौंड़ी का हिसाब करते हैं और विलासिता पर खर्च को फिजूलखर्च कह कर अवहेलना भी करते हैं, लेकिन जब बात विवाह की आती है, तो लड़की के अभिभावक हर एक चीज पर जरूरत से ज्यादा पैसा बहा देते हैं, क्योंकि जो दिखता है वही बिकता है, और हमारे यहां शादी-विवाह के मौके पर खर्च करना और दिखावा करना सम्मान का विषय समझा जाता है, अधिकांशतः विवाह, व्यवस्था विवाह यानि अॅरेंज्ड मैरिज होते हैं, जिनके बाद लड़की के माता-पिता को कुछ हद तक शांति महसूस होती है उनकी बेटी की गृहस्थी शुरू होने जा रही होती है, ये सोच कर वे अत्यंत आनंदित होते हैं, और शायद ही कोई सोचता होगा कि उनकी बेटी को वे बड़ी-बड़ी बातें सिखा कर ससुराल भेज देते हैं वे बातें अनुपयोगी साबित होती हैं, जैसे पतिदेव की सेवा, सासु माँ का आदर, ससुर को पिता समान समझने की सलाह, लेकिन अधिकतर शादियाँ कुछ ही सालों में नरक की तरह हो जाती हैं, कहीं दहेज लोलुप लोग पैसे की मांग करके लड़की को प्रताड़ित करते हैं, तो कहीं मारपीट, और घरेलू कामकाज ही एक लड़की की जिंदगी बन कर रह जाते हैं, यही नहीं हमारे देश की सभ्यता में "न" को "हाँ" समझने की आदत कुछ ज्यादा है, और हो क्यों न, क्योंकि हमारे दिलोदिमाग में यह चीज घर कर गई है कि लड़की कभी अपनी इच्छा जाहिर नहीं करती, इसलिए कभी जानबूझ कर तो कभी अनजाने में मैरिटल रेप यानि वैवाहिक बलात्कार किया जाना आम बात है, मेरा अपने अंदर वर्षों से चल रहे विचारों को पुस्तक में उतारने का उद्देश्य पहले यही था कि मैरिटल रेप के बारे में लिखूं, और आज इस किताब को लिखना आरंभ करने की तारीख 26/03/2019 तक भारत में कोई भी कानून मैरिटल रेप को लेकर नहीं है, जो इसे गुनाह साबित कर सके, मैरिटल रेप हमारी भारतीय समाज का एक छिपा हुआ सच है, लेकिन फिर मैंने गहराई से सोचा और मुझे मेरी अंतरात्मा ने आवाज दी, कि अगर मैं सिर्फ मेरिटल रेप के बारे में ही लिखता हूँ, तो पवित्र रिश्ते का नाम लेकर जो अन्य घरेलू हिंसा और उत्पीड़न होते हैं, उनके बारे में न लिखने से एक बड़ा काम अधूरा रह जायेगा। मैंने कई अविवाहित प्रेमी जोड़ों के साथ दुर्व्यवहार होते देखा है, लेकिन शादी होने का दूसरा अर्थ पद्म विभूषण मिल जाने जैसा होता है, एक अविवाहित प्रेमी जोड़े को छुप-छुप कर मिलने पर मजबूर होना पड़ता है, वहीं एक विवाहित जोड़े को लोग बड़ा सम्मान देते हैं, नई शादी के बाद घर-घर में दंपत्ति का खाने का निमंत्रण किया जाता है। मैं उस दकियानुसी सोच के खिलाफ हूँ, जो कि शादी को महान बताती है और प्रेम को घटिया साबित करने के लिए बेताब होती है, जब कोई लड़की अपने प्रेमी से मिलने जाती है, तो उसको कई गंदे नामों से पुकारा जाता है, लेकिन जब लोग खुद अपनी लड़की को एक लड़के के पास शादी के नाम की आड़ लेकर भेजते हैं, तो वे खुद को बड़ा महान समझते हैं, और उनका उनकी बेटी से जदा होने का दख बाँटने को सारा मोहल्ला और रिश्तेदार......

Details of Book :-

Particulars

Details (Size, Writer, Dialect, Pages)

Name of Book:पवित्र भारतीय विवाह का अंधकारमय पक्ष | Pavitra Bhartiya Vivah Ka Andhakarmay Paksh
Author:Ruchir jain
Total pages:114
Language: हिंदी | Hindi
Size:4.4 ~ MB
Download Status:Available


Name of the Book is : Pavitra Bhartiya Vivah Ka Andhakarmay Paksh | This Book is written by Ruchir jain | The size of this book is 4.4 MB | This Book has 114 Pages | The Download link of the book "Pavitra Bhartiya Vivah Ka Andhakarmay Paksh " is given Below, you can downlaod Pavitra Bhartiya Vivah Ka Andhakarmay Paksh from the below link for free.

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