ग्रहण से चाँद मैला नहीं होता | GRAHAN SE CHAND MAILA NAHI HOTA HINDI BOOK PDF FREE DOWNLOAD

Grahan Se Chand Maila Nahi Hota Hindi Book Pdf Free Download

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पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:

'ग्रहण से चाँद मैला नहीं होता' शीर्षक से यह उपन्यास, नायक सुमित और नायिका सुनीता के अन्तर्मन में स्वयमेव, सहज अंकुरित, विकसित, और समय के साथ पुष्पित-पल्लवित अमर-प्रेम की सरस कहानी है।

भारतीय मानस में स्त्री के कौमार्य को, स्त्री की पवित्रता, शुद्धता का मापदण्ड माना जाता रहा है एवं आज भी माना जाता है। सदियों से लोक मानस में पैठी और गहराई से जड़ जमाये बैठी, इस भ्रम-धारणा का खण्डन किया जाना आवश्यक है। अब लोक मानस से इस मापदण्ड को छिन्न- विच्छिन्न किया जाना अपरिहार्य हो गया है। इस भ्रम-धारणा के कारण समाज में स्त्री-वर्ग को हर समय, भिन्न भिन्न प्रकार के अनेको कष्ट भोगना पड़े है, अवहेलना व अपमान झेलने पड़े हैं, तरह तरह की यातनाएं सहना पड़ी है। इस उपन्यास का सामाजिक उद्देश्य, लोक-मानस की गहराई में पैठी, और सोच में गहरे जड़ जमाये बैठी, इस भ्रम- धारणा को खण्डित करना, फिर उसे बुहार कर लोक-मानस को साफ-स्वच्छ करना है। स्त्री की शुद्धता, पवित्रता का मान्य मापदण्ड 'सुरक्षित कौमार्य' माना जाना वास्तव में सही नहीं है, उचित नहीं है। इस विचार को सत्य सिद्ध कर स्त्री के कौमार्य के सन्दर्भ से इस मान्य मापदण्ड को केवल भ्रम व मिथ्या प्रतिपादित कर छिन्न-विच्छिन्न करना है। समाज हित निमित्त इस उपन्यास के माध्यम से यह मिथ्या भ्रम-धारणा खण्डित कर, बुहार बाहर करने का सफल प्रयास उपन्यास के अन्तर्गत नायक-नायिका की सरस प्रेम-कहानी के माध्यम से किया गया है।

प्रेम की भावना प्राणी मात्र के अस्तित्व में आने के साथ ही जन्मी है और जब तक प्राणी मात्र का अस्तित्व रहेगा, प्रेम की यह भावना प्रति-पल सदा जनजीवन में, मानव-मन में जीवित रहेगी। इस तरह प्रेम की भावना शाश्वत है, सार्वभौमिक है। काया के पारस्परिक आकर्षण से प्रसूत प्रेम, तब तक ही जीवित रहता है, जब तक कि पारस्परिक आकर्षण उलट कर विकर्षण का रूप नहीं ले लेता। इसलिये कायिक आकर्षण से उपजा प्रेम अल्पजीवी होता है। किन्तु स्त्री-पुरुष दोनों के मन में सहज स्वाभाविक रूप से जन्मा मन का प्रेम, एक दूसरे के प्रति, एक दूसरे के मन में, नैसर्गिक रूप से उपजा प्रवहमान यह प्रेमभाव हमेशा-हमेशा जीवित रहता है, इसलिये मन से मन का हुआ प्रेम, अमर होता है। काया से काया का हुआ प्रेम और मन से मन का हुआ प्रेम, दोनों तरह के प्रेम की अवस्थाएं अलग-अलग होती है। सुमित और सुनीता के मध्य, मन का मन से हुआ नैसर्गिक प्रेम, दोनों के मन में एक दूसरे के प्रति सहज उपजा प्रेम, नैसर्गिक होने से चिरंजीवी है, अमर प्रेम है।

Details of Book :-

Particulars

Details (Size, Writer, Dialect, Pages)

Name of Book:ग्रहण से चाँद मैला नहीं होता | Grahan Se Chand Maila Nahi Hota
Author:Nandkishore Dubey
Total pages:99
Language: हिंदी | Hindi
Size:1.6 ~ MB
Download Status:Available


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